बुधवार, 27 मार्च 2013

अब मनरेगा में विकलांग मेट बनेंगे

अब मनरेगा में विकलांग मेट बनेंगे

पटना। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि हालांकि महात्मा गांधी नरेगा में प्रावधान बनाया गया है कि समाज के सभी श्रमिकों को सम्मानपूर्ण ढंग से रोजगार दिया जाए। मात्र विकलांग और महिला होने के कारण मनरेगा में हाशिए पर रखा नहीं जा सकता है। इसके आलोक में कहा कि अब विकलांगों को मनरेगा में मेट बनाया जाएगा। इसी तरह जिलाधिकारियों के द्वारा भी प्रयास किया जा रहा है कि महिला मेट का पुल निर्माण किया जाए ताकि कार्यक्रम पदाधिकारी बाध्य होकर महिलाओं को मेट बनायें।

  उन्होंने कहा अभी तक मुखिया जी की मनमर्जी के कारण एक ही मेट कई योजनाओं पर नजर रखा करते थे। यह मुखिया जी के खास व्यक्ति अथवा रिश्तेदार हुआ करता था। अब उनकी मनोपॉली पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

 स्थानीय .एन.सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान,पटना में पैक्स के द्वारा मनरेगा अभियान के तहत सामाजिक अंकेक्षण के अनुभवों को साझा करने हेतु राज्यस्तरीय सम्मेलन में पैक्स के स्टेट मैंनेजर राजपाल ने कहा कि यू.के.सरकार के सहयोग से पैक्स 2 के द्वारा इंडिया के 7 राज्यों के 90 जिलों में वहिश्कृत समाज के बीच में कार्य किया जा रहा है। पैक्स के अनुसार दलित,आदिवासी,मुस्लिम,महिलाएं और विकलांग वहिश्कृत ग्रुप हैं। अभी बिहार में 32 गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा सिर्फ 16 जिलों में कार्य किया जा रहा है। इनके आजीविका अधिकार महात्मा गांधी नरेगा, वनाधिकार,भूमि अधिकार,कौशल अधिकार को राइटवेस अप्रोच के साथ प्रभावशाली ढंग से कार्य किया जा रहा है।

  मनरेगा अभियान के तहत सामाजिक अंकेक्षण के अनुभवों को साझा करने हेतु  राज्यस्तरीय सम्मेलन किया गया। इसमें डेवलपमेंट एजुकेशन एण्ड एन्वायरमेंट प्रोग्राम,समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान, ईजाद, बिहार विकलांग कल्याण परिषद,मुजफ्फरपुर विकास मंडल, सेंटर फोर ऑल्टरनेटिव दलित मीडिया, दलित एसोसिएशन फोर सोशल एण्ड ह्मुमन राइटस अवेंरनेस, प्रगति ग्रामीण विकास समिति और प्रयास ग्रामीण विकास समिति के द्वारा मनरेगा अभियान में योगदान दिया जा रहा है। हांलाकि इनका मुख्य मुद्दा अलग से है। इनके द्वारा महिला दलान, मनरेगा मजदूर संघ, मुसहर विकास मंच, मौलिक अधिकार लोकमंच, दलित सामाजिक,दलित अधिकार, आजीविका सहायता केन्द्र आदि जन भागीदारीयुक्त संगठन बना रखा है। इसी के सहारे मनरेगा का कार्य अंजाम दिया जाता है।

 इस अवसर पर व्हीलचेयर पर आये बिहार विकलांग कल्याण परिषद के डा. मोहन चौधरी ने कहा कि हम लोग 20 वर्षों से विकलांगों को हक दिलवाने की जंग में मुस्तैदी से लगे हुए हैं। इस संदर्भ में वर्ष 2007 में योजना आयोग के अध्यक्ष से और 2009 में कल्याण विभाग और वल्ड बैंक के अधिकारियों के साथ वार्ता की गयी। इसके बाद एक कार्यशाला करने वस्तुस्थिति से विकलांगों को अवगत कराया गया। इस अवसर पर 23 सूत्री मांग पत्र तैयार करके सरकार को सौंपा गया है। आश्चर्य है कि सरकार ने उक्त 23 सूत्री मांग पर ध्यान ही नहीं दिया। हम लोग भीख नहीं मांगते हैं बल्कि राष्ट्र के नवनिर्माण में योगदान देना चाहते हैं।

 इस अवसर पर पैक्स के स्टेट मैंनेजर राजपाल, झारखंड के स्टेट मैंनेजर जोनसन टोपनों, प्रोग्राम ऑफिसर आरती वर्मा, गुरूजीत ,प्रमोद गांधी, प्रदीप प्रियदर्शी, धर्मराज, गणेश गौतम, अशोक कुमार सिन्हा आदि उपस्थित रहे।

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